ये आग कब बुझेगी? उत्तराखण्ड में बेकाबू हुई जंगलों की आग, पिथौरागढ़ में हालात बद से बदतर
हल्द्वानी। उत्तराखण्ड में जंगलों की आग बेकाबू होते जा रही है। कुमाऊं मण्डल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। यहां लगातार धधक रहे जंगलों से न केवल वन संपदा को खासा नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि वन्य जीव-जंतुओं पर भी खतरा मंडरा रहा है। पिथौरागढ़ में तो हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, यहां सर्वाधिक जंगल की आग की घटनाएं हुईं हैं। तराई पूर्वी, अल्मोड़ा और चंपावत वन प्रभाग में भी पचास से अधिक जंगल की आग की घटना हो चुकी है। केवल नैनीताल सोइल कंजरवेशन वन प्रभाग में कोई भी घटना रिपोर्ट नहीं हुई है। गढ़वाल मंडल की बात करें तो सर्वाधिक जंगल की आग लगने की घटना सिविल सोयम पौड़ी वन प्रभाग में हुई है। यहां 65 आग लगने की घटनाएं हुई हैं। मसूरी में भी 42 घटनाएं हुई हैं। वनाग्नि की घटनाओं पर नजर डालें तो पिथौरागढ़ में 106, तराई पूर्वी में 90, चंपावत में 55, अल्मोड़ा में 56, रामनगर में 31, नैनीताल में 29, हल्द्वानी में 27, सिविल सोयम अल्मोड़ा में 26, बागेश्वर में 28, तराई केन्द्रीय में 12, सोइल कंजरवेशन रानीखेत में 12, तराई पश्चिम में 3, सोइल कंजरवेशन रामनगर में 12 घटनाएं घटित हुई हैं।