उत्तराखंड: केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गैर हिंदुओं की नो इंट्री का मुद्दा फिर उठा! ट्रेड यूनियन का ऐलान, प्रशासन की चेतावनी 

Uttarakhand: The issue of no entry for non-Hindus on Kedarnath Yatra route has been raised again! Trade union's announcement, administration's warning

उत्तराखंड के चारों धामों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट आगामी दो मई को खुलने जा रहे हैं। हालांकि बाबा केदार की यात्रा शुरू होने से पहले ट्रेड यूनियन ने बड़ा ऐलान कर दिया है। ट्रेड यूनियन का कहना है कि इस बार की यात्रा को विशेष समुदाय से मुक्त रखा जाएगा। इतना ही नहीं ट्रेड यूनियन ने गैर हिन्दुओं से सामान न खरीदने की अपील की है। हालांकि जिला प्रशासन ने ये कृत्य संविधान के खिलाफ है बताया है और चेतावनी दी कि ऐसा कुछ भी किया गया तो प्रशासन स्तर से एक्शन लिया जाएगा।

 बता दें कि लंबे समय से हिंदू संगठनों के साथ-साथ ट्रेड यूनियन ने केदारनाथ धाम की यात्रा में काम के लिए बाहरी प्रदेशों और विशेष समुदाय से आने वालों लोगों के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है। ट्रेड यूनियन का कहना है कि बाहरी प्रदेशों से आए लोग केदारनाथ की यात्रा में घोड़े-खच्चर से लेकर सब्जी, राशन, कपड़े और रेस्टोरेंट का व्यापार कर रहे हैं, जिस कारण स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता है। वहीं इस बार ट्रेड यूनियन ने पुनर्निर्माण कार्यों से लेकर राशन, सब्जी ढुलान को लेकर 18 लोगों को अधिकृत किया है। अगर वो सामान ढुलान में कोई दिक्कतें करते हैं तो उन पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा।  ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष गोविंद सिंह रावत एवं संरक्षक अवतार सिंह नेगी ने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा में विशेष समुदाय के लोग हर प्रकार का व्यवसाय कर रहे हैं। राशन, घोड़े-खच्चर, सब्जी और पुनर्निर्माण सामग्री का ढुलान किया जा रहा है।  उनका कहना है कि उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों की पशु गणना करीब 23 हजार से ज्यादा है। ऐसे में इन्हीं जिलों के घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जाए। बाहरी प्रदेशों से आने वाले घोड़े-खच्चर गर्मी से होकर आ रहे हैं, जिससे उनमें हॉर्स फ्लू (इक्वाइन इन्फ्लूएंजा) बीमारी होने खतरा बना हुआ है,जिससे वो यहां के पशुओं को भी बीमार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक आस्था के केंद्र केदारनाथ धाम में विशेष समुदाय की नो इंट्री होनी जरूरी है. साथ कहा कि साल 2008-09 में भी बाहरी प्रदेशों से आए घोड़े-खच्चरों के कारण इक्वाइन इन्फ्लूएंजा फैला था। इसीलिए बाहरी प्रदेशों से आने वाले घोड़े-खच्चरों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जाए,नहीं तो बाबा केदार की यात्रा चरमरा जाएगी। 

बाहरी लोगों को केदारनाथ में रोजगार करने से रोकने के लिए सामग्री ढुलान समिति का गठन कर अनूप गोस्वामी को उसका अध्यक्ष बनाया गया है। अनूप गोस्वामी को ही इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें मुख्य रूप से केदारनाथ पूजा सामग्री, केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज से संबंधित सामग्री, व्यापार संघ केदारनाथ की व्यवसायियों की सामग्री ढुलान के साथ-साथ पुनर्निर्माण कंपनियां द्वारा ले जाए जाने वाली पुनर्निर्माण सामग्री की संपूर्ण जिम्मेदारी ट्रेड यूनियन की ओर से अधिकृत 18 युवाओं के हाथों सौंपी गई है।  इसको लेकर क्षेत्रीय विधायक केदारनाथ, जनपद प्रभारी मंत्री, पर्यटन मंत्री से भी सहमति ली गई है। इसके साथ ही अधिकृत लोगों के जगह-जगह साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं। उधर, ट्रेड यूनियन के इस बयान पर प्रशासन का भी जवाब आया है। उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला का कहना है कि ट्रेड यूनियन ने सामान ढुलान को लेकर अनुमति मांगी थी। साथ ही पत्र में यह भी कहा कि उनके लोग ही यात्रा में कार्य करेंगे। उन्हें बताया गया है कि वो अपने स्तर से जो कर रहे हैं, उसमें प्रशासन का कोई दखल नहीं है, लेकिन किसी भी दुकान या कंपनी ठेकेदार पर सामान ढुलान को लेकर दबाव नहीं बना सकते हैं। ये संविधान के खिलाफ है।  ऐसा किया गया तो प्रशासन स्तर से कार्रवाही की जाएगी।