उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा में न्यूनतम कट ऑफ अंक प्राप्त करने वाले एग्रीकल्चर अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के दिए निर्देश,आयोग ने किया था उन्हें अयोग्य घोषित

 Uttarakhand High Court has given instructions to include Agriculture candidates, who have obtained minimum cut off marks in the preliminary examination, in the main examination, the commission had d

उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने उद्यान विकास अधिकारी के पद के लिये बीएससी कृषि की डिग्री को वैध ठहराते हुए राज्य लोक सेवा आयोग से उन अभ्यर्थियों को उद्यान विकास अधिकारी की मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति देने को कहा है जिन्होंने इस पद की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होकर न्यूनतम कट ऑफ अंक प्राप्त किये हैं । मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे की खंडपीठ में हुई ।
       आपकों बता दे कि कुलविंदर सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित उद्यान विकास अधिकारी की प्रारंभिक परीक्षा में न्यूनतम कट ऑफ अंक प्राप्त किये थे उन्होंने बीएससी कृषि से किया है, लेकिन उन्हें आयोग ने मुख्य परीक्षा के लिये अयोग्य घोषित करते हुए कहा कि उनकी स्नातक डिग्री कृषि उद्यान की नहीं है। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक इस विषय की कोई डिग्री है ही नहीं। इस पर पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग व सरकार से निर्देश मांगे थे । मंगलवार को सरकार ने स्वीकार किया कि उद्यान विषय की अलग से डिग्री नहीं है और यह विषय कृषि के साथ ही शामिल है, जिस पर हाईकोर्ट ने बी एस सी कृषि को उद्यान विकास अधिकारी पद के मान्य बताते हुए इन अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने के आदेश किये हैं।