उफ्फ ये आगः धधकते जंगल और चौपट होता पर्यटन कारोबार! आखिर कब बुझेगी ये आग, अबतक 689 हेक्टेयर वन संपदा को पहुंचा नुकसान
देहरादून। उत्तराखण्ड में जंगलों की आग बुझने का नाम नहीं ले रही हैं। कुमाऊं में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, यहां लगातार जंगल धधक रहे हैं, जिससे न केवल वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यटन के कारोबार पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है। शनिवार को भीमताल के पर्यटन कारोबारियों का कारोबार प्रभावित रहा। वहीं भीमताल झील में हेलीकॉप्टर के पानी भरने से नौकायन और पैराग्लाइडिंग करने की आस लिए पहुंचे सैलानियों को बिना नौकायन और पैराग्लाइडिंग के मायूस होकर लौटना पड़ा। शनिवार की दोपहर चार बजे तक भीमताल झील में नौकायान पूर्ण रूप से बंद रही। इससे नौकायन और पर्यटन संचालकों को दो लाख से अधिक रुपये का नुकसान पहुंचा। स्थानीय लोगों ने कहा कि जब पूरा जंगल जल गया तब वन विभाग और प्रशासन को हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी। बता दें कि एक अप्रैल से लेकर 27 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में 559 वनाग्नि की घटनाएं हुई। इनमें कुमाऊं की 318 घटनाएं भी शामिल है। इस दौरान पूरे प्रदेश में 689 हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान पहुंचा है।