उत्तराखंड चारधाम यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह! 20 जून तक हेली सेवा फुल,सितंबर-अक्तूबर की बुकिंग शुरू

Tremendous enthusiasm regarding Uttarakhand Chardham Yatra! Heli service full till June 20, booking for September-October starts

उत्तराखंड में 10 मई से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा के मद्देनजर केदारनाथ हेली सेवा की बुकिंग में जबरदस्त उत्साह नजर आया है। शनिवार को कुछ ही घंटों के भीतर 10 मई से 20 जून तक के सभी टिकट बुक हो गए। अब मानसून सीजन को छोड़कर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने सितंबर-अक्तूबर की हेली सेवाओं की बुकिंग विंडो खोल दी है।

शनिवार को सुबह जैसे ही केदारनाथ हेली सेवाओं की बुकिंग आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से शुरू हुई तो जबरदस्त उत्साह नजर आया। शाम करीब पांच बजे तक 10 मई से लेकर 20 जून तक के सभी हेली टिकट बुक हो गए। युकाडा के सीईओ सी रविशंकर ने बताया कि चूंकि 20 जून से लेकर जुलाई व अगस्त में हेली सेवा ऑपरेटर कम रहते हैं। लिहाजा इस अवधि की हेली बुकिंग अभी नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए शनिवार को ही 15 सितंबर से 31 अक्तूबर की अवधि की हेली बुकिंग भी खोल दी गई है। देर शाम तक इस अवधि की भी टिकट बुकिंग में तेजी आनी शुरू हो गई थी। 1904 बुकिंग के साथ महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। उत्तर प्रदेश की 878, गुजरात की 847, कर्नाटक की 841, उत्तराखंड की 837, दिल्ली की 793, तेलंगाना की 679, मध्य प्रदेश की 437, आंध्र प्रदेश की 405, पश्चिम बंगाल की 391, राजस्थान की 328, हरियाणा की 251, अरुणाचल प्रदेश की 238, ओडिशा की 219, तमिलनाडु की 185, छत्तीसगढ़ की 177, बिहार की 111, पंजाब की 109, झारखंड की 96, हिमाचल प्रदेश की 41, जम्मू कश्मीर की 41, केरल की 27, चंडीगढ़ की 22, गोवा की 16, असम की 10, दादर नगर हवेली व दमन और दीव की चार, त्रिपुरा की चार, अंडमान, लद्दाख, लक्षद्वीप, मेघालय, पुडुचेरी, सिक्किम की दो-दो, मणिपुर की एक और अंतरराष्ट्रीय स्तर से आठ बुकिंग हुई है। पिथौरागढ़ की हवाई सेवाओं का भी सरकार ने विस्तार कर दिया है। अभी तक देहरादून से पिथौरागढ़ की हवाई सेवा सप्ताह में तीन दिन संचालित हो रही थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर छह दिन कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, इस हवाई सेवा से स्थानीय लोगों के आवागमन में और अधिक सुविधा मिलेगी। साथ ही सीमांत क्षेत्र के पर्यटन को विस्तार मिलेगा व स्थानीय लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी।