The Earth!वैज्ञानिकों ने खोजा दुनिया का दूसरा सबसे गहरा Blue Hole!वैज्ञानिकों का दावा,इस ब्लू होल से खुलेंगे पृथ्वी के कई राज,लिंक में ये भी जानिए दुनिया का सबसे बड़ा ब्लू होल कहाँ है?

The Earth! Scientists discovered the world's second deepest Blue Hole! Scientists claim, this blue hole will reveal many secrets of the earth, also know in the link where is the world's largest blue

भूगर्भ वैज्ञानिकों ने मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप beach पर दुनिया का दूसरा सबसे गहरा ब्लू होल खोज निकाला है। इस ब्लू होल की गहराई 900 फीट के करीब है और 147,000 वर्ग फुट इलाके में फैला हुआ है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि इस ब्लू होल के ज़रिए पृथ्वी के छुपे हुए कई रहस्य सामने आ सकते है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक  ब्लू होल में ऑक्सीजन बहुत कम होती है। सूरज की रोशनी भी सिर्फ ब्लू होल के मुंह तक पहुंच पाती है। इसके बाद भी वैज्ञान‍िकों ने पाया क‍ि यहां जीवन है। शोधकर्ताओं ने साल 2012 में बहामास के ब्लू होल्स में जांच-पड़ताल कर पाया था कि यहां किसी भी और तरह का जीवन नहीं है, लेकिन बैक्टीरिया हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लू होल के जर‍िए पृथ्‍वी के इत‍िहास के कई राज सामने आ सकते हैं। ये समझने की कोशि‍श की जा सकती है क‍ि हजारों वर्षों पहले जीवन कैसा हुआ करता था, दूसरे ग्रहों पर जीवन (अगर है तो) कैसा है।
दुनिया का सबसे बड़ा और गहरा ब्लू होल दक्षिण चीन सागर में साल 2016 में पाया गया था जिसे ड्रैगन होल का नाम दिया गया था। इसकी गहराई 980 फीट से ज़्यादा है। 

आइये जानते है कि आखिर ब्लू होल क्या होते है और इसकी खोज कब हुई थी।

सामान्य भाषा मे खड़ी गुफाओं को ही ब्लू होल कहा जाता है। समुंद्री तलहटी में पाए जाने वाले बड़े बड़े सिंक या होल ही ब्लू होल कहलाते हैं। इन ब्लू होल्स की अपनी जैव विविधता होती है जिसने तमाम तरह की वनस्पतियों के अलावा समुद्री जीव रहते हैं। मेक्सिको में मिले दुनिया के दूसरे सबसे बड़े ब्लू होल का नाम "ताम जा" रखा गया है,जिसका अर्थ गहरा पानी होता है।  बताया जा रहा है कि इस होल में 80 डिग्री का स्लोप बना है  इसका मुँह समुद्र तल से करीब 15 फीट नीचे है। इस ब्लू होल को लेकर इसी साल की फ़रवरी में फ्रंटियर्स इन मरीन साइंस में एक शोध भी प्रकाशित हुआ था।जिसके मुताबिक ब्लू होल का निर्माण चूना पत्थर से प्राकृतिक रूप से होता है। शोध में बताया गया है कि चूना पत्थर झरझरे होने की वजह ये समुद्र में घुल जाता है। समुद्र का पानी केमिकल युक्त होता है जो चूने को अपने साथ घोल कर ब्लू होल का निर्माण करते है। जब हिमयुगो में बाढ़ आती थी तब बड़ी बड़ी चट्टाने भी खत्म हो जाती थी,तब कई ब्लू होल्स बने थे। 11 हज़ार साल पहले जब हिमयुग अंतिम चरण में था और समाप्त हो रहा था तब समुद्र स्तर बढ़ने लगा और ये गुफाएं पानी से भर गई।