कैंची धाम में आतंकी घुसपैठ! सुरक्षाबलों ने 2 को किया ढेर, 3 कब्जे में, जवानों ने मॉक ड्रिल से परखी तैयारियां

Terrorist infiltration in Kainchi Dham! Security forces killed 2, captured 3, soldiers tested preparations with mock drill

नैनीताल। प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कैंची धाम में आतंकवाद रोधी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल का संचालन पुलिस, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर किया। मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की गहन जांच और किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को परखना था। एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र और सीओ प्रमोद साह के नेतृत्व में आयोजित इस मॉक ड्रिल में पुलिस और सुरक्षाबलों ने एक काल्पनिक आतंकवादी हमले की स्थिति को सफलतापूर्वक संभाला। मॉक ड्रिल की शुरुआत उस समय हुई जब सूचना मिली कि कैंची धाम क्षेत्र में पांच संदिग्ध आतंकी छिपे हैं. इस सूचना के मिलते ही जिले की पुलिस, स्पेशल ऑपरेशंस टीम, एसडीआरएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां तत्परता से हरकत में आईं. इलाके को चारों ओर से घेर कर तलाशी अभियान शुरू किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान दो आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। जबकि तीन को गिरफ्तार कर लिया गया। 

घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाली क्विक रिस्पॉन्स टीम ने स्थिति को तेजी से संभालते हुए इलाके की नाकेबंदी की और अन्य टीमों के आने तक नियंत्रण बनाए रखा. उनके साथ ही बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वॉड और अग्निशमन टीमों ने भी तत्काल मोर्चा संभाल लिया। बता दें कि कैंची धाम बाबा नीब करौरी महाराज की तपोभूमि है। जहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचते हैं। एप्पल के सीईओ टिम कुक, फेसबुक प्रमुख मार्क जुकरबर्ग और कई बॉलीवुड हस्तियों की यहां यात्रा के बाद यह स्थल वैश्विक स्तर पर चर्चित हो चुका है। ऐसे में इस धार्मिक स्थल की सुरक्षा को लेकर प्रशासन अत्यंत गंभीर है। भारत-पाकिस्तान के बीच वर्तमान समय में बढ़े तनाव के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मॉक ड्रिल का आयोजन इसी सावधानी का हिस्सा था। जिससे यह परखा जा सके कि किसी भी आपातस्थिति में सुरक्षा एजेंसियां कितनी तैयार हैं। अग्निशमन विभाग ने ड्रिल की स्क्रिप्ट के अनुसार आग लगने की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी और आग पर काबू पाया। वहीं एसडीआरएफ की टीमों ने घायल व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने, संदिग्ध वस्तुओं की जांच और क्षेत्रीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के कार्यों को बखूबी अंजाम दिया। ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से निगरानी के साथ-साथ लाइव कमांड कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से पूरे अभियान पर नजर रखी गई। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस ने क्षेत्र की आवाजाही को नियंत्रित रखा, ताकि आम नागरिकों को परेशानी न हो। मॉक ड्रिल के पश्चात एक समीक्षा बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में मॉक ड्रिल की सफलता, देखी गई चुनौतियों और भविष्य के सुधारों पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने यह भी निर्णय लिया कि भविष्य में जिले के अन्य संवेदनशील स्थलों पर भी समय-समय पर इस प्रकार की मॉक ड्रिल आयोजित की जाएंगी। एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि यह मॉक ड्रिल हमारी तैयारी की कसौटी थी। ऐसी ड्रिल न केवल हमारी कमजोरियों की पहचान करती हैं। बल्कि टीमों के बीच समन्वय को भी सुदृढ़ करती हैं। हम सुनिश्चित करेंगे कि वास्तविक आपात स्थिति में हमारी प्रतिक्रिया पूरी तरह प्रभावी हो। जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। मॉक ड्रिल के जरिए हम यह परखते हैं कि संकट की घड़ी में हमारी तैयारी कैसी है और उसमें क्या सुधार की आवश्यकता है।