उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून लागू! राजभवन ने दी मंजूरी,11 जिलों में भूमि खरीद पर लगी रोक

Strong land law implemented in Uttarakhand! Raj Bhavan gave approval, land purchase banned in 11 districts

उत्तराखंड के लिए बड़ी खबर है. राज्यपाल ने उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर अपनी मुहर लगा दी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखंड में सशक्त भू कानून लागू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट कर खुद इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि देवभूमि में भूमि प्रबंधन और भू-व्यवस्था एवं सुधार के लिए विधानसभा से पारित उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर राज्यपाल की मुहर लगने के साथ ही प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू हो गया है। 

देवभूमि में भूमि प्रबंधन तथा भू व्यवस्था एवं सुधार के लिए विधानसभा से पारित उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर महामहिम राज्यपाल की मुहर लगने के साथ ही प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू हो गया है। इसी के साथ प्रदेशवासियों…सीएम धामी ने आगे लिखा कि इसी के साथ प्रदेशवासियों की जनभावना के अनुरूप उत्तराखंड में कृषि और उद्यान भूमि की अनियंत्रित बिक्री पर पूरी तरह रोक लग गई है। साथ ही आवासीय, शिक्षा, अस्पताल, होटल, उद्योग जैसी जरूरत के लिए भी अन्य प्रदेशों के लोगों को निर्धारित प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही उत्तराखंड में तय मानकों के अनुसार ही जमीन मिल पाएगी। सख्त भू-कानून लागू होने से प्रदेश में डेमोग्राफी चेंज की कोशिशों पर रोकथाम लग सकेगी। इसके अलावा सीएम धामी ने बताया कि भू-कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध भी लगातार कार्रवाही की जा रही है। प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक पहचान को मजबूत बनाने के लिए सख्त भू- कानून को मंजूरी प्रदान करने के लिए महामहिम राज्यपाल जी का बहुत-बहुत आभार। बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड में हुए बजट सत्र में उत्तराखंड की धामी सरकार ने सख्त भू कानून का दावा करते हुए उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधित अधिनियम 2025 को विधानसभा में पारित किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में इस प्रस्ताव को रखते हुए दावा किया कि उत्तराखंड में जमीनों की खरीद फरोख्त पर इस कानून के आने के बाद लगाम लगेगी।