रुद्रपुर की बेटी ने मनवाया अपनी योग्यता का लोहा, फस्ट अटेम्प्ट में 39वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनी गरीमा।

Rudrapur's daughter proved her mettle, Garima became IAS by securing 39th rank in first attempt.

सिविल सेवा परीक्षा में  अपने हूनर का लोहा मनवाने वाली और देश में 39 वां स्थान प्राप्त करने वाली रुद्रपुर की गरीमा नरुला  देश ही नहीं उत्तराखंड राज्य का नाम भी रोशन किया है, रुद्रपुर के  मलिक कॉलोनी निवासी गरिमा नरूला की इस सफलता पर प्रदेश भर से उनको बधाईयां मिल रही है, वहीं नैनीताल कमिश्नर दीपक रावत सहित जनपद नैनीताल और उधमसिंहनगर के कई अधिकारियों ने गरीमा के घर पहुंच कर उनको बधाईयां दी, सुबह से ही गरीमा के घर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा, वहीं उनकी इस सफलता का क्या है राज, और कैसे इस मुकाम को हासिल किया, कैसे परिवार के सदस्यों ने गरीमा की इस कामयाबी में भागेदारी निभाई 

यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा में इस बार उत्तराखण्ड की बेटियों का दबदबा रहा, जिसमें रुद्रपुर की रहने वाली गरीमा ने अपना हूनर का लोहा मनवाते हुए 39 वीं रैंक हासिल कर प्रदेश का गौरव तो बढाया ही साथ ही रुद्रपुर का नाम भी रोशन किया है, गरीमा ने सबसे ज्यादा 39 वीं रैंक पहले ही अटेम्प्ट में हासिल कर अपनी योग्याता की मिशाल कायम की है। 2017 में गरीमा ने बोर्ड परीक्षा में भी टाप किया था, बचपन से ही पढाी के प्रति गरीमा की रुचि रही और परिजनों से सहयोग इस कदर मिला की गरीमा अपने सपनों को पंख देने लगी, परिवार के सदस्य सिविल सर्विसेज के लिए प्रेरित करते थे और गरीमा का सपना भी आईएएस बनने का था, जिसके चलते कठीन परिश्रम से गरीमा ने आज ये मुकाम हासिल किया है, गरीमा का कहना है कि वो घण्टों पढाई करती थी, और दोस्तों से साथ समय भी बिताती थी, लेकिन लक्ष्य हमेशा सिविल सर्विसेस की ओर ही रहा, इस लिए कडी मेहनत करती रही और पहली ही बाल पर सिक्स मारकर उसने सिविल सर्विसेज की परीक्षा को क्रेक कर दिया, गरीम के परिजनों का कहन है कि वो बचन से ही पढाई के प्रति गम्भीर रही है, सभी भाई बहनों में वो कुछ अलग ही थी, जो उसके कुछ अलग करने की मंशा को बचपन से ही जाहिर करती थी, वहीं पैथोलोजी लैब के संचालक उनके पिता गरीमा की इस कामयाबी के लिए वाहेगुरु का आशिर्वाद और बेटी की मेहनत बताते हैं।