प्राइमरी स्कूल री ओपनिंग : पब्लिक स्कूल फ़िलहाल खुलने की स्थिति में नहीं, नवरात्रों के बाद लिया जाएगा बच्चों के स्कूल खोलने का निर्णय : पब्लिक स्कूल एसोसिएशन

Primary school re-opening: Public school is not in a position to open at present, decision to open children's school will be taken after Navratri: Public School Association

कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते 2020 मार्च से प्राथमिक स्कूल अब तक बंद है। पठन पाठन का कार्य बंद है केवल ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन किया जा रहा है।उत्तराखंड सरकार ने नई एसओपी जारी कर कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के स्कूलों को 21 सितंबर यानी आज से खोलने के आदेश दिए है लेकिन नैनीताल जिले के हल्द्वानी में पब्लिक स्कूल एसोसिएशन अचानक जारी आदेश के मुताबिक छोटे बच्चों की कक्षाएं संचालित करने की स्थिति में नही है।पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के कहना है कि छोटे छोटे बच्चों को लंच बॉक्स लाने की मनाही है और हमारी अभी स्कूल में लंच की व्यवस्था की कोई तैयारी नही है।बच्चों के ट्रांसपोर्टेशन की भी भी समस्या है।बच्चों की ड्रेस भी तैयार नही पिछले दो सालों में बच्चों ने घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई की है बच्चों की स्कूल ड्रेस भी छोटी हो गयी है।स्कूल प्रबंधन की भी कोई तैयारी नही है।पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश भगत और महासचिव मणिपुष्पक जोशी का कहना है कि स्कूल खोलने के लिए नवरात्रों के बाद कोई निर्णय लिया जा सकता है।अचानक जारी किए गए आदेश के तहत एक दो दिन में स्कूल खोलने की सभी व्यवस्थाओं को दुरूस्त करना सम्भव नही है।वही कुमाऊं मंडल के अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा लीलाधर व्यास ने सभी प्रधानाचार्यो और शिक्षकों को निर्देश दिए है कि कोविड 19 के संक्रमण के चलते जो बच्चे स्कूल नही आ रहे है उन्हें अनिवार्य रूप से व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पढ़ाया जाए।उन्होंने कहा पठन पाठन में लापरवाही बर्दाश्त नही की जायेगी अगर लापरवाही हुई तो इसके लिए प्रधानाचार्य ज़िम्मेदार होंगे।


गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सरकारी और निजी प्राथमिक विद्यालयों को खोलने के लिए दिशा निर्देश जारी किए है।शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए 21 सितंबर से विद्यालयों को खोलने की अनुमति दे दी है।आज राज्य सरकार ने एसओपी जारी करते हुए कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के स्कूलों को खोलने के लिए कुछ मुख्य बिंदुओं पर सभी विद्यालयों को सूचित किया है।जो निम्न प्रकार है।


विद्यालय खोले जाने से पूर्व समस्त कक्षाओं, पुस्तकालय, शौचालय, पेयजल, किचन-कम-स्टोर आदि ऐसे स्थलों जहाँ पर छात्र-छात्राओं का भौतिक रूप से आवागमन होता हो, उन्हें भली भाँति सेनेटाईज किया जाये। विद्यालयों में सेनेटाईजर, हैण्डवाश, थर्मलस्कैनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय तथा छात्र-छात्राओं को हैण्ड सेनेटाईज / थर्मल स्कैनिंग कराने के पश्चात ही विद्यालय में प्रवेश दिया जाय। विद्यालयों के वाशरूमों में एन्टीसैप्टिक लिक्विड हैंडवाश की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाय शिक्षण संस्थाओं में बच्चों के पीने के पानी का स्थल भी भली भाँति स्वच्छ रखते हुये पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाय। ध्यान रहे कि ऐसे स्थलों पर छात्र छात्रायें एक साथ एकत्रित न हों। इस हेतु कक्षावार अन्तराल नियोजित किया जा सकता है। विद्यालय भौतिक रूप से आरम्भ करते समय विद्यालय प्रबन्धन / प्रधानाध्यापक तथा समस्त उप खण्ड शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि जर्जर कक्षा कक्षों में शिक्षण कार्य किसी भी स्थिति में न कराया जाय। विद्यालय में बालक बालिकाओं हेतु पृथक-पृथक शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाय कि वह स्वच्छता रखते हुये उपयोग में लाये जाने योग्य हों।

प्रत्येक विद्यालय में कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत सम्बन्धित विद्यालय द्वारा एक नोडल अधिकारी नामित किया जाय जो सोशल डिस्टेन्सिंग एवं कोविड प्रोटोकाल सम्बन्धी दिशा-निर्देशों के अनुपालन हेतु उत्तरदायी होगा। यदि विद्यालय के छात्रों, अध्यापकों एवं अन्य स्टाफ के मध्य संक्रमण की स्थिति उत्पन्न होती है तो ससमय जिला प्रशासन / स्वास्थ्य विभाग को सूचित किये जाने की जिम्मेदारी सम्बन्धित प्रधानाध्यापक एवं नोडल अधिकारी की होगी। यदि किसी विद्यार्थी या शिक्षक या अन्य कार्मिक में खाँसी, जुकाम या बुखार के लक्षण प्रतीत होते हैं तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुये घर वापस भेज दिया जाय।
प्रत्येक जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वे अपने जनपद के अन्तर्गत ऐसी व्यवस्था (Mechanism) सुनिश्चित करेंगे, जिससे किसी शिक्षण संस्थान में कोविड संक्रमण पाये जाने पर तत्काल इसकी सूचना जिला प्रशासन / स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराई जा सके एवं सम्बन्धित शिक्षण संस्था में कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाये। इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी SOP का भी अनुपालन किया जाय। समस्त शिक्षण संस्थाओं में भौतिक रूप से शिक्षण कार्य कोविड प्रोटोकाल को दृष्टिगत रखते हुये, कक्षा शिक्षण दो पालियों में सम्पादित करें।


छात्र छात्राओं के अभिभावकों की सहमति के साथ उन्हें विद्यालय में भौतिक रूप से उपस्थित होने की अनुमति प्रदान की जाय इसके लिये छात्र-छात्रायें विद्यालय भौतिक रूप से खुलने अथवा विद्यालय में उपस्थित होने के तीन दिन के अन्दर विद्यालय प्रबन्धन को अभिभावकों के सहमति पत्र प्रस्तुत कर सकेंगे। विद्यालय में उपस्थिति हेतु लचीला रूख अपनाया जाय तथा किसी विद्यार्थी को भौतिक रूप में विद्यालय आने के लिये बाध्य न किया जाय।


विद्यालयों का संचालन हाईब्रिड मोड (Hybrid Mode) में किया जायेगा अर्थात भौतिक शिक्षण के साथ-साथ ऑनलाईन शिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी अध्यापन कार्य के दौरान शिक्षक मोबाईल या अन्य उपकरण (Devices) से कक्षा शिक्षण कार्य को ऑनलाईन लाइव प्रसारित करेंगे, जिससे ऐसे छात्र छात्रायें जो विद्यालय में भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो पा रहे हों, वे घर पर रह कर ही कक्षा शिक्षण से जुड़ सकें।
यह भी सुनिश्चित कर लिया जाय कि समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं समस्त छात्र-छात्राओं को विधिवत मास्क पहनने के उपरान्त ही विद्यालय / कक्षा-कक्ष में प्रवेश की अनुमति दी जाय यदि कोई छात्र छात्रायें बिना मास्क के विद्यालय में उपस्थित होते हैं, तो विद्यालय ऐसे छात्र छात्राओं के लिये मास्क की व्यवस्था करें। समस्त शिक्षक कर्मचारी तथा छात्र-छात्रायें विद्यालय अवधि में तथा घर से स्कूल आने तथा स्कूल से घर जाते समय मास्क का उचित ढंग से उपयोग करेंगे। कक्षा कक्ष में बैठक व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग के तहत सुनिश्चित की जाये।


विद्यालय में प्रवेश एवं छुट्टी के समय मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेंसिग का अनुपालन हो सके इसके लिए अलग-अलग कक्षाओं के लिए समय अन्तराल निर्धारित किया जाये तथा एक साथ सभी कक्षाओं को न छोड़ा जाय। ऐसी शिक्षण संस्थायें जिसमें छात्र छात्रायें पब्लिक ट्रांस्पोर्ट का उपयोग करते हुये विद्यालय में आते हैं, उनके पब्लिक ट्रांस्पोर्ट को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को बिठाने तथा पब्लिक ट्रॉस्पोर्ट को समय-समय पर सैनेटाईज करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।


विद्यालय के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं भोजन माताओं की वैक्सिनेशन की यथासम्भव व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाय। यदि किसी शिक्षक अथवा कर्मचारी का वैक्सिनेशन नहीं हुआ है, तो विद्यालय प्रधानाध्यापक / प्रबन्धन द्वारा स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से ऐसे कर्मचारियों का वैक्सिनेशन प्राथमिकता के आधार पर कराये जाने का प्रयास किया जाय। कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाओं के भौतिक रूप से पठन-पाठन कराये जाने के साथ-साथ ऑनलाईन पठन-पाठन की व्यवस्था यथावत् जारी रखी जाये। जो छात्र विद्यालय में भौतिक पठन-पाठन हेतु उपस्थित नहीं हो सकते हैं अथवा अभिभावक अपने पाल्य को नहीं भेजना चाहते हैं, इसके लिये शिक्षक ऑनलाईन पठन पाठन का समय निर्धारित कर सकते हैं। 

भौतिक रूप से विद्यालयों में पठन-पाठन प्रारम्भ होने पर प्रत्येक विद्यालय में यह सुनिश्चित किया जाय कि प्रारम्भ में प्रत्येक कक्षा के प्रत्येक विषय से सम्बन्धित विगत वर्ष के अधिगम अन्तराल (Learning Gap) को दूर करने के लिए एससीईआरटी द्वारा विकसित ब्रिजकोर्स के आधार पर शिक्षण अधिगम कराया जाय। विद्यालय में छात्र-छात्राओं के अधिगम स्तर को सम्बन्धित कक्षा के सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) के अनुरूप सुनिश्चित किये जाने हेतु विद्यालय के शिक्षक उत्तरदायी होंगे। छात्र-छात्राओं के अधिगम स्तर का आंकलन एससीईआरटी द्वारा किया जायेगा। कोविड-19 के फैलाव तथा उससे बचाव के उपायों से समस्त विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाय।


विद्यालय में प्रार्थना सभा, बाल सभा, खेल, संगीत, सांस्कृति कार्यक्रम तथा अन्य सामुहिक गतिविधियाँ, जिनसे कि कोविड-19 के संक्रमण का खतरा हो को अग्रिम आदेशों तक स्थगित रखा जाये।
विद्यालयों को भौतिक रूप से खोले जाने का निर्णय बच्चों के अधिगम स्तर तथा सीखने के अवरोधों को दूर करने के दृष्टिगत लिया गया है। समस्त विद्यालय प्रबन्धन द्वारा यह सुनिश्चित किया जाय कि बच्चों से शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों से सम्बन्धित शुल्क किसी भी दशा में न लिया जाय और न ही प्रथम चरण में पाठ्यत्तेर गतिविधियों का आयोजन किया जाय।
विद्यालयों में मध्याहन भोजन योजना की वर्तमान व्यवस्था जिसके अन्तर्गत कि बच्चों को खाद्यान / मध्यान भोजन सामग्री वितरित की जा रही है, को यथावत रखते हुये विद्यालयों में पका–पकाया भोजन अग्रिम आदेशों तक उपलब्ध न कराया जाये। परन्तु भोजन माता नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित होंगी तथा छात्र छात्राओं के सैनेटाईजेशन व अन्य कोविड प्रोटोकाल के पालन में संस्था का सहयोग करेंगी।
विद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं को लंच बाक्स अथवा भोज्य पदार्थ लाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिये विद्यालय प्रबन्धन की ओर से नियमित अनुश्रवण किया जाय।

कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाएँ तीन घण्टे संचालित जायेंगी। जिन विद्यालयों में कक्षा शिक्षण दो पालियों में संचालित होगा, विद्यालय प्रबन्धन समय सारिणी में परिवर्तन कर सकेगी तथा प्रथम पाली के बाद कक्षा-कक्षों को सैनेटाईज किये जाने के बाद ही दूसरी पाली प्रारम्भ प्रारम्भ की जायेगी। विद्यालय सोमवार से शुक्रवार तक कक्षा शिक्षण हेतु खुले रहेंगे तथा शनिवार / रविवार को जिला प्रशासन, नगर प्रशासन / स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नियमित सैनेटाईजेशन तथा फौगिंग करायी जायेगी।


डेंगू एवं मलेरिया के भी अपेक्षित प्रसार को दृष्टिगत रखते हुये छात्र-छात्राओं को विद्यालय अवधि में फुल बाजू के पैंट शर्ट / सलवार कमीज पहनकर विद्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया जाय।
मुख्य शिक्षा अधिकारी जनपद स्तर पर शिक्षण संस्थाओं में कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन करवाते हुये भौतिक कक्षा शिक्षण सुनिश्चित करवाने हेतु व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी / उप शिक्षा अधिकारी यह व्यक्तिगत रूप से सुनिश्चित करेंगे कि विकास खण्ड के समस्त छात्राओं को ऑफलाईन / ऑनलाईन शिक्षण अधिगम की सुविधा उपलब्ध हो सके, इसके लिये वे प्रतिदिन शिक्षण संस्थाओं की मोनिटरिंग करेंगे रैंडम तथा आधार पर ऑफलाईन / ऑनलाईन रूप से अध्ययन करने वाले छात्र छात्राओं से बातचीत भी करेंगे। खण्ड शिक्षा अधिकारी / उप शिक्षा अधिकारी प्रति सप्ताह शिक्षण कार्य की रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से एस०सी०ई०आर०टी० को उपलब्ध करायेंगे ।


महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा एवं निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा अधीनस्थ स्तर पर तदनुसार क्रियान्वयन हेतु उक्त दिशा-निर्देश प्रसारित करें तथा उनका अनुपालन भी सुनिश्चित करायें। प्राथमिक स्तर पर अध्ययनरत् छात्र छात्राओं को विद्यालय खुलने पर किसी प्रकार की कठिनाई न हो इसके लिए विभागीय स्तर से समय-समय पर विद्यालयों का औचक निरीक्षण एवं पठन-पाठन की समीक्षा भी की जाय।