नैनीताल: स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लेने खुद स्वास्थ्य मंत्री एक आम मरीज बनकर पहुंचे एसटीएच, सरकारी अमला नही था साथ, कोई पहचान भी न सका
उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छिपी नही है। खासकर नैनीताल जिले का सुशीला तिवारी अस्पताल अक्सर सुर्खियों में रहता है। कोरोना काल रहा हो या सामान्य समय सुशीला तिवारी अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर हमेशा से ही सवाल खड़े होते आये है। सुशीला तिवारी अस्पताल की ज़मीनी हकीकत आखिर क्या है ये जानने के किये खुद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत मास्क पहने बिना किसी सुरक्षा गार्डों के सुशीला तिवारी एक आम मरीज बनकर पहुंच गए। हैरानी ये है कि इस बात की भनक 3 दिनों तक किसी को नही लगी।
दरअसल 23 अक्तूबर को चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत आपदाग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने कुमाऊं के दौरे पर पहुंचे थे। सर्किट हाउस में 5 बजे मीटिंग की,वहां से सीएम के अधिकारियों के साथ बैठक की और करीब रात साढ़े 9 बजे सुरक्षा गार्डों को छोड़ छाड़ कर अकेले ही ट्रेक सूट में धन सिंह रावत सुशीला तिवारी अस्पताल जा पहुंचे। वहाँ उन्होंने एक आम मरीज की तरह पर्ची कटाई,काफी देर तक बेंच पर बैठे रहे,फिर इमरजेंसी में दिखाया और सरदर्द बुखार की शिकायत बताई, जिसके बाद इमरजेंसी में दवाई लिख दी गयी। फिर धन सिंह रावत करीब पौन घंटे तक वार्डो में घूमते रहे।
तीन दिन बाद जब ये खुलासा हुआ कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे थे तो सब हैरत में रह गए,हालांकि रावत ने ये नही बताया कि उन्हें अस्पताल में क्या कमियां नज़र आईं, लेकिन उन्होंने ज़रूर कहा कि जो भी कमियां है उन्हें सुधारा जाएगा, इसके लिए वह प्रयासरत है जल्द ही इस औचक निरीक्षण पर निर्णय भी लिया जाएगा ।