पिछले कुछ सालों में अचानक साइलेंट हार्ट अटैक की वजह से मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ने लगा है। कोई डीजे पर थिरकते हुए गिर जाता है तो कोई रामलीला में पार्ट करते हुए गिरकर अचानक मौत की नींद सो गया। मशहूर सिंगर केके हो या मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ये भी साइलेंट हार्ट अटैक की चपेट में आकर मौत की नींद सो गए।
दोस्तो जब केके की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तब डॉ ने बताया था कि उनके हार्ट में ब्लॉकेज थी जो ओवर एक्साइमेन्ट में गाते हुए आई होगी अगर समय पर केके को सीपीआर मिल जाता तो वो आज हम सब के बीच मौजूद होते।
इसी तरह हमारे कई पहचान वाले भी असमय अचानक इस तरह हार्ट ब्लॉकेज की वजह से साइलेंट हार्ट अटैक का शिकार हुए होंगे और उन्हें समय पर सीपीआर न मिलने की वजह से उनकी मृत्यु हो गयी होगी।
आखिर क्या होता है सीपीआर? जो वक्त रहते दिया जाए तो किसी की जान बचाई जा सकती है।
सीपीआर कोई रॉकेट साइंस नही है जो सिर्फ डॉ ही कर पाएं। बल्कि ये एक ऐसा तरीका है जो हार्ट अटैक आने पर( 1/2 मिनट के अंदर) अगर मरीज को मेडिकल इमरजेंसी हेल्प आने तक लगातार बिना रुके दिया जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है।
सीपीआर का फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन Cardiopulmonary resuscitation (CPR) है। यह इमरजेंसी मेडिकल टेक्निक है जिसके जरिए किसी व्यक्ति की सांस या दिल के रुक जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। जब किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसे कार्डिएक अरेस्ट होता है। कार्डिएक अरेस्ट के दौरान, हृदय मस्तिष्क और फेफड़ों सहित शरीर के बाकी हिस्सों में खून पंप नहीं कर सकता है। उपचार के बिना मृत्यु मिनटों में हो सकती है।
सीपीआर में मरीज की छाती पर दबाव बनाया जाता है जिससे ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।अपने दोनों हाथों को मरीज की छाती के बीच में रखें और 100 से 120 प्रति मिनट की दर से जोर से छाती पर धक्का दें। हर धक्के के बाद छाती को अपनी सामान्य स्थिति में आने दें। मेडिकल इमरजेंसी हेल्प नहीं आने तक ऐसा करते रहें। इसके अलावा मरीज को माउथ ब्रीथिंग भी दी जाए ताकि उसके फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचती रहे।
जो लोग फ्रंटलाइन पर काम करते है जैसे पुलिसकर्मी, पत्रकार,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, टीचर्स इत्यादि इन सबको सीपीआर की प्रॉपर ट्रेनिंग दी जानी चाहिए ताकि वक्त पढ़ने पर सार्वजनिक स्थानों,ऑफिस,स्कूलों,कार्यक्रम इत्यादि में सीपीआर की मदद से किसी की जान बचाई जा सके क्योंकि साइलेंट हार्ट अटैक कभी भी और किसी को भी कही पर भी आ सकता है।