क्या आपको पता है हर घर तिरंगा अभियान से कितने करोड़ रुपये का हुआ कारोबार? लोकल फ़ॉर वोकल को किस तरह मिला बूस्ट? हैरान करने वाला है ये कुछ दिनों में हुआ कारोबार, पढियेगा ज़रुए
इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर हर घर तिरंगा अभियान खूब सराहा गया। धर्म की जंजीरों को तोड़कर हर हिंदुस्तानी ने भारतीय तिरंगे को अपने घर,दुकानों ऑफिस में लगाया। कोई गली कोई मोहल्ला कोई घर ऐसा नही रहा जहा तिरंगा न फहराया गया हो।
क्या आपको पता है कि हर घर तिरंगा अभियान ने लोकल फ़ॉर वोकल को कितना बूस्ट अप किया? आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि हर घर तिरंगा अभियान से देशभर में 30 करोड़ से ज़्यादा झंडों की बिक्री हुई,जिससे करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। जी हां! ये जानकारी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स CAIT से मिली है,CAIT ने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान गजब साबित हुआ इससे लोगो के बीच देशभक्ति बढ़ने के साथ साथ को ऑपरेटिव व्यापार बढ़ाने की भी संभावना को खोल दिया है।
पहले भारतीय तिरंगे को केवल खादी या कपड़े में बनाने की अनुमति थी. ध्वज संहिता में इस संशोधन ने देश में 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया, जिन्होंने अपने घर में या छोटे स्थानों पर स्थानीय दर्जी की सहायता से बड़े पैमाने पर तिरंगा झंडा बनाया.
CAIT ने बताया कि पीएम मोदी की इस मुहिम से लोकल फार वोकल और आत्मनिर्भर भारत को बड़ा बूस्ट मिला है. SME मैन्युफैक्चरिंग और व्यापार क्षेत्र ने सबसे ज्यादा संगठित तरीके से बड़ी संख्या में भारतीय ध्वज तैयार करने में दिन-रात काम किया. आम तौर पर बनाए गए ध्वज के विभिन्न आकारों में 6800x4200 मिमी, 3600 x 2400 मिमी, 1800x1200 मिमी, 1350x900 मिमी, 900x600 मिमी, 450x300 मिमी, 225x150 मिमी और 150x100 मिमी शामिल हैं. पिछले वर्षों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, भारतीय तिरंगे की वार्षिक बिक्री लगभग 150-200 करोड़ रुपये तक सीमित थी. जबकि, हर घर तिरंगा आंदोलन ने बिक्री को कई गुना बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया है. बता दें, पिछले 15 दिनों के दौरान, पूरे देश में कैट के झंडे तले बड़ी संख्यां में व्यापारी संगठनों ने 3000 से अधिक तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किए.