बिग ब्रेकिंग नैनीताल:तीन महीनों से सोया प्रशासन जानलेवा हमले के बाद जागा हिश्ट्रीशीटर को किया जिला बदर ! हिश्ट्रीशीटर और अन्य पर 307 के साथ गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज़ ।

 Big Breaking Nainital: After three months the administration slept after the deadly attack. Case registered against Histry-sheeter and others in serious sections along with 307.

हल्द्वानी निवासी समाजसेवी मनोज गोस्वामी पर कल शाम दमुवाढूंगा के चौफला चौराहे पर हुए जानलेवा हमले के आरोपियों पर पुलिस ने कल देर रात प्राथमिकी के आधार पर हल्द्वानी निवासी धीरज कुमार,हृदयेश कुमार,रवि कुमार उर्फ रवि शूटर ,वीर सिंह उर्फ विप्पू ,मनीष कुमार उर्फ मींटू और राहुल सरोरी पर आईपीसी की धारा 323 ,147,148 और 307 के तहत  मुकदमा पंजीकृत कर लिया है ।

मनोज गोस्वामी के अनुसार जब वह कुमायूं आयुक्त से मिलने गए थे लौटते वक्त रास्ते में बदमाशों के द्वारा उन पर जानलेवा हमला कर दिया गया उस वक़्त उनका बेटा भी उनके साथ था जिसका वो प्रत्यक्ष गवाह भी है ।

हृदयेश कुमार और उसके भाई के द्वारा किए जा रहे अवैध खनन मामले को लेकर जब मनोज कुमायूं आयुक्त दीपक रावत से मिलने के बाद स्कूटी से घर लौट रहे थे तब घात लगाए बदमाशों ने उन पर लोहे की रॉड से वार किया जो मनोज के हेलमेट पर टकराई जिसके बाद मनोज स्कूटी छोड़कर पैदल भागे उसके बाद बदमाशों ने पीछे से तमंचे से भी फायर किया लेकिन काफी दूरी होने के कारण मनोज गोस्वामी बच गए हत्या करने के इरादे से आए बदमाशों के द्वारा उनकी हत्या करने के लिए कई किलोमीटर पीछा भी किया । मनोज का कहना है कि जब वह जान बचाने को भाग रहे थे तो कई लोगों से उन्होने मदद मांगी लेकिन हिश्ट्रीशीटर हृदयेश कुमार के डर से किसी ने मदद नहीं की । कुछ दूर जाने पर उन्हें एक परिचित के घर की दीवार कूदकर छुपना पड़ा और उसके बाद परिचित की मदद से पुलिस को सूचना दी गयी जिस पर पुलिस सहायता के लिए तत्काल उनके पास पहुँच गयी जिससे उनकी जान बच पायी ।

मनोज गोस्वामी के अनुसार कई महीनों से राजनैतिक नेताओं की छत्रछाया में पलने वाला हिश्ट्रीशीटर हृदयेश कुमार और उसका छोटा भाई धीरज कुमार जो वन विभाग रामनगर में वन रक्षक के पद पर तैनात है और एक अन्य वनरक्षक जीवन लाल की मदद से हल्द्वानी में अवैध खनन को अंजाम दे रहे है जिसकी शिकायत वह कई बार स्थानीय प्रशासन से कर चुके है लेकिन कभी भी कोई कार्यवाही नहीं हुई , अवैध खनन और अन्य सामाजिक कार्यों को लेकर हिश्ट्रीशीटर हृदयेश कुमार से उन्हें जान से मारने की कई बार धमकी मिल चुकी है और सोशल मीडिया पर खुले आम परिवार के साथ रेप करने और पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी हृदयेश कुमार के द्वारा दी गयी और कुछ दिन पहले उनका अपहरण करने की भी कोशिश की गयी लेकिन जब हृदयेश कुमार की शिकायत लेकर जब वह पुलिस के पास गए तो पुलिसवालों ने भी लापरवाही के चलते कोई कार्यवाही नहीं की यहाँ तक डीजीपी अशोक कुमार के जनता दरबार में पहुंचे मनोज गोस्वामी को पुलिस डीजीपी से मिलने पहले ही उठा ले गयी जिसके बाद मनोज गोस्वामी अपनी माँ के साथ डीजीपी अशोक कुमार से देहरादून जाकर मिले जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और हृदयेश कुमार जो पहले से हिश्ट्रीशीटर रह चुका है उस पर जिला बदर की कार्यवाही करने के लिए कार्यवाही पत्र डीएम धिराज गर्ब्याल को भेजा लेकिन फिर भी कोई कार्यवाही आगे बढ़ती नहीं दिखाई दी जिसके बाद मनोज गोस्वामी एसएसपी पंकज भट्ट से मिले जहां से उन्हे पता लगा कि पुलिस हिश्ट्रीशीटर हृदयेश कुमार के खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही करने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय को पत्र भेज चुकी है लेकिन जब कोई कार्यवाही होती नहीं दिखी ।

30 जुलाई 2022 की शाम लगभग 4:30 बजे जब मनोज जब कुमायूं आयुक्त से मिलकर लौट रहे थे उन पर जानलेवा हमला हो गया । जब ये खबर प्रचारित हो गयी तो डीएम कार्यालय से आनन फानन में हृदयेश कुमार को जिला बदर करने के आदेश जारी हो गए साथ ही  मनोज गोस्वामी  तहरीर पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए हृदयेश कुमार और अन्य पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया  । हालांकि खबर लिखने तक आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी है ।

 

मनोज गोस्वामी के अनुसार हृदयेश कुमार पर जिला बदर की कार्यवाही 25 मई 2022 को हो चुकी थी जिसका नोटिस पुलिस द्वारा हृदयेश कुमार के घर पर चस्पा कर दिया गया था लेकिन जिला बदर करने की फाइल नैनीताल जिलाधिकारी कार्यालय में रोक दी गयी जिसके बाद मुख्य सचिव के निर्देश के बाद जिला बदर की कार्यवाही की गयी ।

मनोज गोस्वामी ने आरोप लगाए है कि भाजपा नेता शंकर कोरंगा जो मुख्यमंत्री धामी के करीबी माने जाते है और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के दबाव के चलते नैनीताल डीएम ने समय रहते हृदयेश कुमार पर जिला बदर की कार्यवाही नहीं की जिस कारण उन पर जानलेवा हमला हो गया मनोज ने बताया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में गंगोलीहाट सीट से कॉंग्रेस प्रत्याशी खजान चंद्र गुड्डू जो कि हृदयेश कुमार के चाचा है जिस कारण हृदयेश कुमार राजनैतिक तौर पर मजबूत है इसलिए स्थानीय प्रशासन हृदयेश कुमार पर कार्यवाही करने से बचता है ।

 

इस घटना से पता चलता है कि हल्द्वानी जैसे क्षेत्र में एक पूरा हिश्ट्रीशीटरों का गिरोह है जो राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है जिस कारण वह सोशल मीडिया में बेझिझक बलात्कार से लेकर जान से मारने की धमकी देता है और फिर उस धमकी को सच साबित करने के लिए कई बार हमला करता है और स्थानीय पुलिस और प्रशासन राजनैतिक दबाव के चलते ढुलमुल रवैया अपनाते है जिससे साफ पता लगता है कि उत्तराखंड में अब भी इस तरह के असामाजिक तत्वों को वो राजनैतिक नेता संरक्षण देते है जो समाज को सुरक्षित रखने और अपने क्षेत्र को विकसित करने का ठेका लिए फिरते है । हिश्ट्रीशीटर हृदयेश कुमार को कई आयोजनों में नेताओं के साथ देखा जा सकता है चाहे वो बीजेपी के हो या कॉंग्रेस के । इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि राजनैतिक रोटिया सेंकने वालों का चूल्हा कहीं न कहीं इन जैसे असामाजिक तत्वों के अवैध कृत्यों से जलता है ।