वन विकास निगम पर पड़ी मंदी की मार

इन दिनों वन विकास निगम आर्थिक मंदी से जूझ रहा है, जिसका खामियाजा निगम कर्मियों को उठना पड़ा रहा है। उत्तराखंड प्रदेश में राजस्व देने मे अपनी प्रथम भूमिका निभाने वाला विभाग इन दिनों आर्थिक मंदी के दौर से जुझ रहा है,अगर सरकार इस ओर कोई ठोस ध्यान नहीं देते हैं तो वो दिन दूर नहीं जब वन निगम डिपो एक के बाद एक बन्द होते चले जायेंगे जिसका नुकसान सरकार और खरीददार दोनों को भुगतना पड़ेगा।आपको बता दें कि लालकुआ डिवीजन में लगभग आधा दर्जन से अधिक वन विकास निगम के डिपो स्थापित जिनमें इमारती, जलोनी, कोमल प्रकाष्ठ की बेसकीमती लकड़ी विभाग द्वारा प्रदेश एवं अन्य प्रदेशों के जरूरत मंद लोगो को बेची जाती है, जिससे सालाना अरबो रुपये का विभाग द्वारा व्यवसाय किया जाता है, जिसमें सरकार को भी करोड़ों रुपये की आमदनी होती है लेकिन पिछले कुछ सालों से वन विकास निगम आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है वहीं विभाग की इतनी दयनीय हालत हो गई है वो अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पा रहा है।इधर इस मामले में वन विकास निगम के डिपो संख्या 4 के डिपो इंचार्ज राकेश कुमार ने बताया कि इन दिनों सभी डिपो मंदी के दौर से गुजर रहे हैं साथ ही उन्होंने बताया कि पहले डिपो से 25 हजार से लेकर 30 हजार गाड़ियां सलाना भरती थी जो आज घट कर मात्र 6 से 7 हजार पर रह गई है, जिसका खामियाजा विभाग और कर्मचारियों को दोनो को उठाना पड़ा रहा है।उन्होंने बताया कि इस समय कर्मचारियों के वेतन भी मिलना मुश्किल हो गया है।