राजधानी में प्लास्टिक बैन को लेकर उठाया गया ये कदम

देहरादून नगर निगम की ओर से पहली बार शहर मे मानव शृंखला बना कर प्लास्टिक के खिलाफ एक बडा मोर्चा खोला जा रहा है। देहरादून के अपने शिक्षित छात्रों के संगठन, मेकिंग ए डिफरेंस बाय बींग द डिफरेंस (मैड) संस्था जो विगत आठ वर्षों से पर्यावरण संरक्षण एवं नदी पुनर्जीवन जैसे मुद्दों पर कार्यरत है, हम इस पूरे आयोजन को उत्साह और चिंता दोनों से देख रहे हैं। साकारत्मक सोच रखने वाले दून के नागरिकों जैसे ही मैड भी प्लास्टिक के खिलाफ उठाये जा रहे किसी भी कदम का सर्वप्रथम तो हार्दिक स्वागत ही करता है। मैड आशा करता है कि इस मानव शृंखला से भी अधिक से अधिक मात्रा में लोग सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग को बन्द करने का कदम उठायेंगे।एक ओर सभी राजनीतिक दल अब भी प्लास्टिक के ही बैन्नर में अपनी दिवाली, होली की शुभकानाएं शहरवासियों के उपर मढ़ देते हैं, अपने बड़े नेताओं की रैल्ली मे उसका इस्तेमाल करते हैं, वहीं दूसरी ओर मैड संस्था की ओर से कपडे के बैन्नर पर ही प्रचार प्रसार किया जाता है। विगत दो वर्षों मे आयोजित की गयी मैडाथन दौड़ मे भी मैड ने हज़ारों प्रतिभागियों को पानी स्टील के गिलसों मे पिलाया और जूस कुल्हड़ में पिलाया। जब भी संस्था ने महानुभावों और कद्दावर नेताओं से भेंट की, हमेशा उनको कागज के बैग और कपडे के बैग जो खुद संस्था के ही स्वयंसेवीयो ने बनाये, वह भेंट किए। इस सूची में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, दोनो शामिल हैं। इसी तरीके से हमने लाखों कागज़ के बैग और कपडे के बैग सैकड़ों फल एवं सब्ज़ी बेचने वाली ठेलियों में, दुकानों में, घरों मे जा जाकर बांटे हैं।