खेल महाकुम्भ में बड़ा घोटाला मामले पर राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने दिए जाँच के आदेश

पौड़ी में वर्ष 2018 में आयोजित हुए ग्रामीण खेल महाकुम्भ में बड़ा घोटाला निकल कर सामने आया है|यहाँ वर्ष 2018 में जनपद के कई क्षेत्रों से ग्रामीण खेल महाकुम्भ प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पौड़ी पहुंचे स्कूली बच्चों की भोजन व्यवस्था का जिम्मा जिन विभागों को सौंपा गया उन्होंने खेल महाकुम्भ के नाम पर 5 लाख रुपए ठिकाने लगाने का खेल ही खेल डाला| इस घोटाले का पर्दाफाश ही विभाग द्वारा भोजन व्यवस्था के लिए नामित ठेकेदार ने किया है। नामित ठेकेदार ने क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी और तत्कालीन DDO जिला अर्थ एवं सांख्यकी अधिकारी पर 5 लाख रूपये रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया है| जिसमें डेढ़ लाख रूपये दिए जाने के प्रमाण भी ठेकेदार ने दिखाये हैं इसमें 1 लाख रूपये क्षेत्रीय युवा कल्याण और जिला अर्थ एवं सांख्यकी विभागीय के कर्मचारियों के निजी खातो में डाले गये हैं, धनराशि विभागीय खाते की बजाय कमर्चारियों के निजी खातो में डाला जाना भी इस घोटाले को पुख़्ता करते है। दरअसल भोजन व्यवस्था के लिए विभाग ने खेल महाकुम्भ के दौरान टेंडर निकाले और इसका टेंडर इंदरा अम्मा कैंटीन संचालक हेमंत नेगी को दिया गया, जिसे मुख्य विकास अधिकारी पूर्व में ब्लैकलिस्टेड कर चुके थे| ऐसे में ब्लैकलिस्टेड ठेकेदार को टेंडर देना भी विभाग पर सवाल खड़े कर रहा है, वहीँ खेल महाकुम्भ में कम बच्चो के पहुँचने पर कम बच्चों को ही खाना परोसा गया, लेकिन लाखों की धनराशि ठिकाने लगाने के लिए बिल अधिक बनाकर भेजा गया जिस पर 11 लाख 75 हजार की धनराशि ठेकेदार के खाते में भुगतान के तौर पर डाली भी गई| लेकिन बाद में खेल महाकुंभ के प्रभारी अधिकारी ने युवा कल्याण अधिकारी को पत्र लिखकर अधिक भुगतान होने की बात कही उनके इस पत्र पर ठेकेदार के खाते पर रोक लगाते हुए प्रभारी अधिकारी से भुगतान का ब्यौरा भी तलब किया गया था| लेकिन 3 माह बीत जाने के बाद भी ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया, इसके बावजूद खाते से लगी रोक हटा दी गई| अब ठेकेदार हेमंत नेगी ने क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी व उस दौरान आहरण वितरण का जिम्मा सम्भाले अर्थ एवं सांख्यकी अधिकारी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है| मामला प्रकाश में आने के बाद अर्थ एवं सांख्यकी अधिकारी भी निजी खातो में धनराशि भेजे जाने और बिल अधिक बनाने का कोई स्पष्ट जवाब नही दे पा रहे हैं| वहीँ मामला गम्भीर होने पर राज्यमंत्री धन सिंह रावत ने जिलाधिकारी को जांच करने के निर्देश दिए हैं| धन सिंह रावत ने साफ़ किया की जांच स्पष्ट न होने पर सरकार भी मामले की गहराई से जाँच करवायेगी।