क्या अहम और रसूख़ की लड़ाई ले डूबी कांग्रेस को?

ये साल कांग्रेस के लिए बेहद ही निराशाजनक साबित रहा,पहले लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा तो अब नैनीताल जिले से कांग्रेस का पत्ता ही साफ हो गया,ये पार्टी के लिए निश्चित ही बहुत चिंताजनक है।चौकाने वाली बात ये है कि नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष तक लिए कांग्रेस कोई उम्मीदवार नही तलाश सकी,साथ ही ब्लॉक प्रमुख के आठ पदों पर भी कांग्रेस कही नज़र नही आई।जिला पंचायत के चुनावों में जिन जीते हुए सदस्यों को कांग्रेस अपना बताती रही वो भी भाजपा के साथ जा खड़े हुए,वही दूसरी ओर ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी कांग्रेस की हालत तो शुरू से ही ख़स्ता रही,जो प्रत्याशी कांग्रेस से मिलने वाले टिकटों का इंतजार कर रहे थे,वो भी चुनाव होने तक बस इंतेज़ार ही करते रहे।

जानकारों की माने तो कांग्रेस के अंदरखाने अहम और रसूख की लड़ाई का खामियाजा जिला पंचायत ,ब्लॉक प्रमुख, चुनाव में देखने को मिला,कांग्रेस का कोई दिग्गज नेता हो या जिले का कोई नेता किसी को भी सियासत के खेल में दखलंदाजी भी बर्दाश्त नही होती।कांग्रेस के अंदर का यही प्रतिद्वंद पार्टी के लिए नकारात्मक साबित हुआ,और नैनीताल जिले से अब कांग्रेस का पूरी तरह सफाया ही हो गया।