ऊधम सिंह नगर में दो बच्चों का भविष्य ख़तरे में

 बच्चों के बगैर किसी भी त्यौहार को मनाने की उमंग और जोश खत्म सी हो जाती है। एक तरफ जहां स्कूलों में बड़े ही धूमधाम से बच्चे होली रक्षाबंधन समेत अन्य त्योहारों को उत्साह के साथ मनाते हैं वहीं दूसरी तरफ दिवाली के त्यौहार पर नादानी व गलती से स्कूल परिसर के अंदर पटाखा फोड़ना रुद्रपुर के 6 छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ गया ।

रुद्रपुर के गंगापुर रोड पर स्थित जेसीज पब्लिक स्कूल प्रबंधन अब छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर उतारू हो गए हैं, पीड़ित छात्रों के परिजनों के अनुसार दिवाली से कुछ दिन पूर्व जेसीज पब्लिक स्कूल के इंटर कॉमर्स में पढ़ने वाले आधा दर्जन छात्रों द्वारा नादानी में स्कूल में पटाखे फोड़ने की घटना पर स्कूल प्रबंधन ने तानाशाह रुख अपनाते हुए तुगलकी फरमान सुनाते हुए पहले तो पटाखा फोड़ने वाले 6 छात्रों को स्कूल से एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया और अब 6 छात्रों में से 2 छात्रों को स्कूल से टर्मिनेट कर दिया है। साथ ही स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के अभिभावकों को सख्त चेतावनी देते हुए यह भी साफ कहा कि अब मात्र स्कूल से निष्कासित किए गए दोनों छात्र केवल फाइनल परीक्षा देने के लिए स्कूल में प्रवेश कर सकेंगे।

गौरतलब है कि सुरजीत सिंह ग्रोवर जेसीज पब्लिक स्कूल के सचिव होने के साथ-साथ लालपुर में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के चेयरमैन भी हैं।

हम आपको बता दें कि जेसीज पब्लिक स्कूल में आए दिन बच्चों के शोषण का मामला प्रकाश में आता रहता है लेकिन जिले के मीडिया संस्थानों में स्कूल कि समिति से जुड़े एक व्यक्ति की काफी दखलअंदाजी होने के कारण न तो मीडिया स्कूल में हो रहे छात्र उत्पीड़न के मामले को उठाती है और ना ही शिक्षा विभाग पूरे मामले पर कोई कार्यवाही करता है और यही कारण है कि अपने बच्चों की भविष्य की चिंता को देखते हुए पीड़ित छात्रों के अभिभावक भी छात्र उत्पीड़न के मामलों पर चुप्पी साध लेते हैं और अभिभावकों की चुप्पी का फायदा उठाते हुए आए दिन जेसीज पब्लिक स्कूल प्रबंधन लगातार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है और तो और छात्रों की छोटी-छोटी गलतियों पर भी स्कूल प्रबंधन तानाशाही रुख अपनाते हुए छात्रों को मनचाही सजा सुनाता रहता है उधर सूत्रों के अनुसार बीते दिनों जेसीज पब्लिक स्कूल के एक छात्र को एक शिक्षक ने इतनी बुरी तरह से पीटा कि उस छात्र ने दहशत के कारण अब स्कूल जाना ही छोड़ दिया है।

उधर इस पूरे मामला प्रकाश में आते  ही शिक्षा विभाग के अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ मुकुल सती ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश देते हुए अधिकारियों को पीड़ित छात्रों से मिलने और स्कूल का निरीक्षण करने के भी निर्देश जारी कर दिए हैं । डॉ मुकुल सती ने यह भी कहा कि बच्चों द्वारा नादानी में छोड़े गए पटाखों की इतनी बड़ी सजा देना कतई न्याय संगत और उचित नहीं है ।

डॉ मुकुल सती ने यह भी साफ कहा कि किसी भी बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का किसी भी स्कूल प्रबंधक को कोई अधिकार नहीं है

अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में शिक्षा विभाग सम्बन्धित विद्यालय पर क्या कार्यवाही करता है और इस मुहिम से पीड़ित बच्चों को कितना न्याय मिल पाता है ? या फिर पूरा मामला गैटिंग सेटिंग में फसकर सुलझ जाता है ।